सूरदास जी का जीवन परिचय |
जीवन परिचय:- भक्तिकालीन महाकवि सूरदास का जन्म रुनकता नामक ग्राम में 1478 ई० में पंडित राम दास जी के घर हुआ था।
विद्वानों का कहना है कि बाल-मनोवृत्तियों एवं चेष्टाओं का जैसा सूक्ष्म वर्णन सूरदास जी ने किया है, वैसा वर्णन कोई जन्मांध व्यक्ति कर ही नहीं सकता, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि वे संभवत बाद में अंधे हुए होंगे। वे हिंदी भक्त कवियों में शिरोमणि माने जाते हैं।
सूरदास का जन्म
सूरदास का जन्म 1478 ई. रूंनकता में हुआ था।सूरदास की जन्म तिथि और जन्म स्थान को लेकर लेखकों में अलग अलग मत है । साहित्य लहरी’ जोकि सूरदास लिखी रचना है के अनुसार संवत् 1607 ईस्वी में में हुआ था
सूरदास का विवाह
कहा जाता है सूरदास जी का विवाह हुआ था । हालाँकि उनकी शादी का कोई सबूत नहीं मिला है। सूरदास की पत्नी का नाम रत्नावली माना जाता है। कहा जाता है कि इस दुनिया को छोड़ने से पहले सुरदास ने अपना जीवन अपने परिवार के साथ बिताया था।
सूरदास जी की रचनाये
सूरदास जी द्वारा लिखित पाँच ग्रन्थ बताए जाते हैं -
१ सूरसागर
२ सूरसारावली
३ साहित्य-लहरी
४ नल-दमयन्ती और
५ ब्याहलो।